शेन वॉर्न पर हावी रहे हैं सचिन तेंदुलकर |
पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया गई भारतीय टीम और मेज़बान टीम के बीच अभद्र व्यवहार को लेकर मामला काफ़ी गर्म रहा है. शेन वॉर्न का कहना है कि कभी-कभी गेंदबाज़ों को सामने वाले बल्लेबाज़ से कहा-सुनी का लाभ मिल जाता है.
लेकिन बात जब सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा जैसे खिलाड़ियों की हो, तो इनसे पंगा लेना गेंदबाज़ों के लिए उलटा साबित हो सकता है.
वॉर्न ने कहा, "मेरा मानना है कि खिलाड़ियों में नोंक-झोंक गाली के स्तर तक नहीं जानी चाहिए. वैसे ये नोंक-झोंक कभी-कभी अच्छा हथियार साबित होता है."
हथियार
उन्होंने बताया कि कैसे वे दक्षिण अफ़्रीका के बल्लेबाज़ डेरेल कलिनन को अपनी गेंदबाज़ी से परेशान करते थे और लेग स्पिन पर अच्छी तरह नहीं खेलने वाले कलिनन को वॉर्न अपनी गेंदबाज़ी के अलावा अपनी भाषा से भी फँसा लेते थे.
सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा सरीखे बल्लेबाज़ों के सामने गेंदबाज़ों को ये हथियार नहीं अपनाना चाहिए अन्यथा नतीजा उलटा हो सकता है |
ब्रितानी अख़बार द टाइम्स में लिखे अपने कॉलम में वॉर्न ने कहा है- सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा सरीखे बल्लेबाज़ों के सामने गेंदबाज़ों को ये हथियार नहीं अपनाना चाहिए अन्यथा नतीजा उलटा हो सकता है.
वॉर्न अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं |
उन्होंने कहा कि ऐसे खिलाड़ियों के साथ दोस्ती ही अच्छी है.
वर्ष 1998 में शारजाह में सचिन तेंदुलकर ने शेन वॉर्न की जम कर पिटाई की थी और शेन वॉर्न ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि उनके सपने में आजकल सचिन तेंदुलकर आते हैं.
पिछले दिनों ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एंड्रयू साइमंड्स पर कथित नस्लभेदी टिप्पणी के कारण हरभजन सिंह सुर्ख़ियों में थे.
पहले हरभजन पर तीन टेस्ट मैचों की पाबंदी लगी लेकिन अपील के बाद उन पर से पाबंदी हटा ली गई. शेन वॉर्न ने हरभजन मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
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